क्षणिका प्रवीण माटी 13/03/202413/03/2024 क्षणिका तमाम डाकखाने प्रेम से चलते रहें…..और…..कचहरियां नफरत से….!आश्चर्य है कि…..डाकखाने कम हो गए…..और….कचहरियां बढ़ती चली गयी…!! — प्रवीण माटी Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 27/02/202405/03/2024 ख्याल आवारगी है ख्यालों की गुजरती रात सारी इन ख्यालों में दोष नींद को देता हूँ आती नहीं — ब्रजेश गुप्ता Read More
क्षणिका *डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा 17/02/202423/02/2024 जुगनू अंधेरे के खिलाफलड़ता है जुगनू।संकट में भी सदान घबराने कीसीख देता है जुगनू।घोर निराशा में भीउम्मीद की किरणजगाता है जुगनू। Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 30/01/202430/01/2024 क्षणिकाएँ एकांत मैं रोज देख रहा अपने चारों ओर बनती हुई गगन चुम्बी इमारतें और उनमें रहने वाले खुद से बात Read More
क्षणिका *अंजु गुप्ता 22/01/202422/01/2024 क्षणिका -1- लेखन कांट छांट कर /तोड़ मोड़ कर/जब लिखने का/प्रयास हुआ /लेखन का उपहास हुआ! -2- मानव या विषधर हे Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 10/01/202412/01/2024 नींद इन आँखों में बैरी नींद न आई पूरी रात गुजर गई ख्वाबों में कुछ ऐसे ख्वाब जो पूरे न हुए Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 07/01/202407/01/2024 ठण्ड ठण्ड तो आलसी निठल्ले भरे पेट वालों के लिए है खाली पेट तो अल्ल सुबह ही निकल जाता है रोटी Read More
क्षणिका *लीला तिवानी 02/01/202431/12/2023 क्षणिकाएँ 1- कल्पना का संसारकल्पना से आकांक्षा उपजै,आकांक्षा से आविष्कार,आविष्कार से फिर आकांक्षा हो,आकांक्षा से कल्पित संसार।कल्पना के संसार को,अल्पना का Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 24/12/202328/12/2023 क्षणिकाएँ 1- तलाशता हूँ आज आदमी को आदमी न जाने कहाँ खो गया जिस चेहरे को भी देखता हूँ आदमी की Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 19/12/202319/12/2023 कमी हम में ही कोई कमी थी जो तुमनें किनारा कर लिया हमनें तो हमेशा तुम्हारी कमियों को स्वीकारा काश एक Read More