दो क्षणिकाएं
नाचो नाचो कि रश्मियों का राग गाकर सूर्य नाच रहा है, चंद्रमा अपनी शीतल किरणों से खुशी की कथा बांच
Read Moreनाचो नाचो कि रश्मियों का राग गाकर सूर्य नाच रहा है, चंद्रमा अपनी शीतल किरणों से खुशी की कथा बांच
Read Moreरोटी अजब नज़ारा/ गरीब को… न वक्त पे रोटी/ अमीर को… न रोटी को वक्त अब बतलाओ … कौन बेचारा?
Read Moreजिंदगी जिंदगी को सलीके से जीना है, तो मत रखो मन में मलाल, बजने दो आनंद के बाजों को, नाचो
Read Moreदर्द की नई परिभाषा है, तुम क्या जानो दर्द की क्या परिभाषा है? दर्द सिर्फ प्यार में नहीं होता, प्यार
Read Moreसंध्या की बेला है या रंगों का मेला है नभ ने बनाई है रंगोली या खेल रहे हैं बादल होली
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