क्षणिका *लीला तिवानी 28/08/2022 तैयारी मनाने की तैयारी रख लो जिंदगी रूठ जाती है जोड़ने की तैयारी रख लो हर डोर टूट जाती है समय Read More
क्षणिका *लीला तिवानी 28/08/2022 सुमन सुमन (पुष्प) में सुगंध होती है सुंदरता होती है सुकोमलता होती है अगर मन में सुगंध हो सुंदरता हो सुकोमलता Read More
क्षणिका *सुधीर श्रीवास्तव 24/08/2022 खुशी खुशी की खुशी महसूस कीजिए खुशी क्या है खुश रहकर देखिए खुशी खुशी जीने का आनंद लीजिए, खुशी, खुशी Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 08/08/202209/08/2022 क्षणिका जीवन में खुश रहने की एक ही परिभाषा त्यागनी होगी कार्य का श्रेय लेने की अभिलाषा! Read More
क्षणिका *लीला तिवानी 05/08/202205/08/2022 प्रेम प्रेम जीवन का सार है प्रेम पालनहार से करो प्रेम प्रकृति से करो प्रेम समाज से करो प्रेम देश से Read More
क्षणिकापद्य साहित्य डॉ. जेन्नी शबनम 02/08/202229/07/2022 क्षणिका अब्र 1. अब्र ज़माने के हलाहल पीकर जलती-पिघलती मेरी आँखों से अब्र की नज़रें आ मिली न कुछ कहा, न कुछ Read More
क्षणिका चेतना सिंह 'चितेरी' 28/07/2022 क़रीब क़रीब ______ तुम मेरे दिल के इतने क़रीब हो , चाह कर भी मैं तुम्हें भूल नहीं सकती। एहसास ______ Read More
क्षणिका *लीला तिवानी 24/07/202228/07/2022 रहने दो हरी-भरी इस दुनिया को हरा-भरा ही रहने दो निर्मल है दरिया का जल इसे निर्मल ही रहने दो अवनि से Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 15/07/2022 क्षणिका हर पल यह अहसास होता है तू है यहीं कहीं मेरे आस पास फिज़ाओं में इस तरह बसी है तू Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 11/07/2022 क्षणिकाएं नदियां सैलाबों से लबालब हैं इंसान भावनाओं के सैलाब से कब लबालब होगा वहां तो भावनाओं के सैलाबों का सूखा Read More