ग़ज़ल
मुहोब्बत में जो मेरी ओर कभी थी सरकती चुनरी।अभी भी पास मेरे है तेरी बह मख़मली चुनरी।तेरे गोरे बदन की
Read Moreकैसा होता व्यक्तित्व सहज दुनिया को दिखा गए टाटा जीअपने आदर्शों पर चलकर प्रतिमान बन गए टाटा जी स्मृतियां को
Read Moreमेरे बस में नहीं है कि मैं उनको छू भी पाऊं।तितलियां आके आंगन में मेरे बैठ जाती हैं। राब्ता भी
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