हम सनातन
हम सनातन, हम सनातन, युगों-युगों से इस धरा पर, बस बचे हैं हम यहाँ पर, हम अधुनातन हम पुरातन। सृष्टि
Read Moreपलते-पलते स्वप्न, नैनों को छल जाते हैंकरते-करते हवन, हाथ भी जल जाते हैं आँगन में जो रोपा था, तुलसी का
Read Moreमैं अपनी जिंदगी को ख़त लिख रही हूँ,जो गुज़रे वो लमहें बयां कर रही हूँ। जिया है जिसे हँसते-खेलते,न ही
Read Moreप्यारा महीना फ़ागुन का सुंदर और सलोना है। सबके हृदय में आनंद और उल्लास जगाता है। धन-धान्य से परिपूर्ण,मन उद्वेलित हो जाता
Read Moreऐे सैनिक ! फौजी,जवान, है तेरा नितअभिनंदन। अमन-चैन का तू पैगम्बर,तेरा है अभिवंदन।। गर्मी,जाड़े,बारिश में भी,तू सच्चा सेनानी अपनी माटी
Read Moreअंडमान का, सेल्युलर जेलजिनसे बन गया, अब तपोवन हैऐसे वीर सावरकर , जी को हमारा शत् शत् , नमन है
Read Moreख्वाब अधूरे सब रह जाएंगे,बातें अब हम सुनने न आएंगे,अब हम भी बदल जाएंगे। सीमा से परे हालात हो जाएं,ज़िन्दगी
Read Moreउर्वर भूमि के मालिक उद्यमी कृषक सुन। नींव के सृजक प्रभाकर श्रमिक सुन। तेरे खून पसीनें में तो सूरज है।
Read Moreपी से अनुराग होने लगा धड़कन में राग होने लगा बिन सावन बिन चैत सखी जीवन में फाग होने लगा
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