दोहा मुक्तक
महाकुंभ में भीड़ का, अद्भुत पावन रंग।देख देख सब हो रहे, और हो रहे दंग।।सत्य सनातन धर्म का, दिखता रूप
Read Moreमहाकुंभ में भीड़ का, अद्भुत पावन रंग।देख देख सब हो रहे, और हो रहे दंग।।सत्य सनातन धर्म का, दिखता रूप
Read More****** लगाव ********* अब लगाव दिखता कहाँ, अपने अपनों बीच। ठना कुटुंबी रार है, होती खीचम-खींच।। हम लगाव की बात
Read Moreसहारा /सहारे राम सहारे हम रहें, रामहि पर विश्वास।और नहीं अब किसी से, बची हमारी आस।।भटक भटक कर थक गया,
Read Moreगली-गली दिखने लगे, नेताओं के झुंड ।गिन तो तुम सकते नहीं, कहो चुनावी मुंड।। नेताओं के फिर बजे, चिकने थोथे
Read Moreसाहित्य मातु शारदे की कृपा, होती जिसके शीश।वही लिखे साहित्य को, बन जाता वागीश।। शब्द सृजन की साधना, क्या है
Read More******* राम नाम ******* राम नाम के मर्म को, जो भी लेता जान।। पढ़ना उसको फिर नहीं, जीवन का विज्ञान।।
Read Moreबात एक ही यूँ सदा, कहता है गणतंत्र।बने रहे वो मूल्य सब, जन- मन हो स्वतंत्र। संसद में मचता गदर,
Read Moreभारत के गणतंत्र की, ये कैसी है शान।भूखे को रोटी नहीं, बेघर को पहचान॥ सब धर्मों के मान की, बात
Read Moreकैसे भूले बोस को, ‘सौरभ’ हिन्दुस्तानकतरा-कतरा खून का, उनका है कुर्बान बच्चा-बच्चा बोस का, ऐसा हुआ मुरीदशामिल होकर फ़ौज में,
Read Moreभारी ट्यूशन भीड़ में, सब बच्चे एकांत।रैंकिंग के दबाव में, रह ना पाए शांत।। भोले बचपन पर चले, ऐसे मारक
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