महकें हर नवभोर पर
बने विजेता वह सदा, ऐसा मुझे यक़ीन।आँखों में आकाश हो, पांवों तले ज़मीन॥ तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात।धुन
Read Moreबने विजेता वह सदा, ऐसा मुझे यक़ीन।आँखों में आकाश हो, पांवों तले ज़मीन॥ तू भी पायेगा कभी, फूलों की सौगात।धुन
Read Moreखिली-खिली हो जिंदगी, महक उठे अरमान।आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान॥ दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो
Read Moreतुलसी है संजीवनी, तुलसी रस की खान।तुलसी पूजन से मिटें, जीवन के व्यवधान।। विष्णु प्रिया तुलसी सदा, करती है कल्यान।तुलसी
Read Moreजैवविविधता प्रकृति में, जीवन का आधार।सकल सृष्टि का मानते, जीव – जन्तु आभार । जैवविविधता क्षरण से, सारा जग है
Read Moreसंसद में मचता गदर, है चिंतन की बात।हँसी उड़े संविधान की, जनता पर आघात॥ भाषा पर संयम नहीं, मर्यादा से
Read Moreबंद आंख सूरज किए, सुबह रही झकझोर।रात दिवस हैं एक से, कुहरा है घनघोर।। सूरज छुपकर सो गया, ले बादल
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