दोहा- कहें सुधीर कविराय
******सफलता*******यह जीवन अनमोल है, आप लीजिए जान।सुख दुख इसके अंग हैं, करिए इसका मान।।जीवन सस्ता है कहाँ, ये होता अनमोल।हम
Read More******सफलता*******यह जीवन अनमोल है, आप लीजिए जान।सुख दुख इसके अंग हैं, करिए इसका मान।।जीवन सस्ता है कहाँ, ये होता अनमोल।हम
Read Moreझूठ बोल कर सत्य की, रक्षा करते लोग,सब से ज्यादा बिक रहा,बाबाजी का योग. रावण जी के बढ़ गए, देखो
Read Moreबातों की बातों में मत उलझो,नैनों की बातों में मत उलझो।कहते हैं कुछ और सोचते कुछ हैं,कवियों की बातों में
Read Moreपूजा प्रभु जी की करे, मंगल मन आचार। मानवता सेवा करे, हो शुभ सोच विचार।। फैशन की धुन हैं लगी,
Read Moreलिए तिरंगा ही बढ़ें, फहराना है आज।कभी नहीं होगा यहाँ, विदेशियों का राज।। शान तिरंगा देश की, सदा बढ़ाता मान।नमन
Read Moreकुर्सी मिलते ही हुआ, नेता लापरवाहरहता है बनकर सदा, देखो वो शहंशाह कुर्सी पर ही बैठकर, नेता दे संदेशखुशहाली घर-घर
Read Moreआत्मनिर्भर नवभारत का हो रहा हैं बहुमान, नव चेतना उल्लास, नवल स्वप्न यशोगान, शोध, विकास की नित नयी संभावनाएं, नील
Read Moreआजादी का जश्न, जोश से हमें मनाना। गूंजे गौरव गान, राष्ट्र चेतना जगाना।। भारत मां के लाल, देशप्रेम से मन
Read Moreतन मन हो उठा पुलकित स्वर्ग धरा पर उतरा हो,शिव- शिवा की भक्ति में जन समूह उमड़ा हो,हर हर हर
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