पेडो़ं पर चंद हायकू
(१) कटते पेड़ राहगीर हैरान छांव अभाव (२)पक्षी तलाशे तरुवर की छांव गर्मी के मारे (३) जंगल कटे मानव मनमानी पर्यावरण
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Read More(१) आज के बच्चे क्रेच में है पलते मां कामकाजी (२) दादी ना नानी एकल परिवार आया का साथ (३)
Read More(1) द्रुपद सुता अपमान बदले बाल बिखेरे (2) द्रोपदी प्रण बदला पूरा होगा बाल बांधूंगी (3) आज की बाला बाल
Read More1. मृत्यु सत्य है बेख़बर नहीं हैं दिल रोता है। 2. शाश्वत आत्मा अपनों का बिछोह रोती है आत्मा। 3.
Read Moreकिरायेदार तुम्हारा दिल प्रिये बदल गया। इंतजार था मकान मालिक को तू लौटी नहीं। इश्क़ अधूरा छोड़ना चाहा नहीं लौटा
Read More1. भोर होते ही हड़बड़ाके जागी, धूप आलसी। 2. आँखें मींचता भोरे-भोरे सूरज जगाने आया। 3. घूमता रहा सूरज निशाचर
Read Moreपिता का प्यार जीवन का आधार पालन हार शसक्त डोर सपनों की उड़ान उज्ज्वल भोर अभिमान है जिसके पास पिता
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