ग़ज़ल
आ इधर आ मुझे थोड़ा और निख़ार दे,किसी ने भी किसी से किया न हो इतना प्यार दे। आ भर
Read Moreतेरे मेरे बीच की सभी बातें ,सखियों को मत बताया कर ,जुलफ़ों को हटा ले चहरे से ,चांदनी को भी
Read Moreयाद करके ज़ालिम और मुझको सज़ा न दे।तेरे वादों का ऐतबार नहीं मुझको दग़ा न दे।पुरानी मुहब्बतों के चिराग़ फ़िर
Read Moreहां वो जूझते आया हैप्रारंभ से आज तक औरअनवरत जूझ ही रहा है,लचर व्यवस्था से,सरकारी नीयत से,सीमित नहीं है उनका
Read Moreचेहरों पर मुस्कानें हैं,पर दिलों में दूरी है।रिश्ते हैं बस नामों के,हर सूरत जरूरी है। हर एक ‘कैसे हो’ के
Read Moreवास्तव में मैं दुखी हूँ,क्यों दुखी हूँ, ये भी खुद ही बता रहा हूँ,आपके लिए भले इसका कोई मतलब न
Read Moreआज पहली बार मैंने यमराज की दु:खी देखाइतना असहज मैंने उसे पहले कभी न देखा थाबेचारा कुछ बोल भी नहीं
Read Moreमन का मौसम ठीक नहीं तो होठों पर भी गीत नहीं।अरसा हुआ हृदय के पथ से गुजरा कोई मीत नहीं।
Read Moreजाने कहां खो गया वो मेरे दिल में बसेरा करके।दिल मानता नहीं कहता है उसको बुलाया जाए।हंसी पल वो बचपन
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