जेब खाली है…
चिलचिलाती धूप की तपन, जलन असह्य है, सजाये हैं फिर भी दिल ने सपने अनगिन हैं।। रात दिन तपता हूं
Read Moreचिलचिलाती धूप की तपन, जलन असह्य है, सजाये हैं फिर भी दिल ने सपने अनगिन हैं।। रात दिन तपता हूं
Read Moreदुष्टों का खात्मा करो, जड़ से मिटे बुखार। ड़र के मारे काँपते, कायर वे मक्कार।। कायर वे मक्कार, मिटाये अब
Read Moreअठारह अप्रैल अठारह सौ अट्ठावन कोमहाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के शेरावली मेंनिम्न मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में जन्मे।पिता केशवपंत -माता लक्ष्मीबाई
Read Moreकैसे हो विश्वास, समय अब बदल गया है ।लगता जैसे आज, यहाँ कुछ लुप्त हुआ है।। उनका मेरे शीश पर,
Read Moreसरसी छंद कैसे पूजा हो माँ तेरी, या कि करूँ मैं पाठ।जाने कैसी बुद्धि हमारी, उम्र हो रही साठ।माँ इतना
Read Moreशांत है लुंबिनी की पगडंडी,जहाँ फूलों ने पहले देखा प्रकाश,राजकुमार की पहली हँसी में,छुपा था अनंत का एक उलझा प्रकाश।
Read Moreनारी जन्नत की परिभाषा।नारी पीढी की अभिलाषा।नारी मन्दिर में जैसे ज्योति।नारी समता से भरी गोदी।नारी शीतल नीर समन्दर।नारी सचखण्ड में
Read Moreमलबों से अटा पड़ा है सारा शहर,गांव,पनघट,गली-गली,डगर-डगर,ये मलबे है झूठी खबरों के,एक रंग में दिखना चाहते चितकबरों के,इनसे परेशान हैसारा
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