चुप्पी का सन्नाटा
कभी बैठ अकेले,धुंधले चांद की परछाईं में,सांसों की लय पर सुनना,वक़्त की खामोश धुन,जहां हर सफ़ेद लहर,मौसम की थकी आह
Read Moreकभी बैठ अकेले,धुंधले चांद की परछाईं में,सांसों की लय पर सुनना,वक़्त की खामोश धुन,जहां हर सफ़ेद लहर,मौसम की थकी आह
Read Moreतकलीफें, जो दिखती नहीं,मगर भीतर चुभती रहती हैं।कह न सके जो दिल की भाषा,वो लहरें मद्धम-सी बहती हैं। आँखों में
Read Moreनींद तो हर रोज़ खुलती है,पर क्या खुलती हैं आँखें सच में?मन के अंधेरों में कहीं छुपी,एक उम्मीद सी कब
Read Moreतुम आई मेरे ज़िंदगी में जैसे बहार आई हो,सूने दिल में खुशियों की बौछार लाई हो। तेरी हँसी में बसी
Read Moreवन में मृग के अनगिन दुश्मन । हर पल शंका में रहता मन । व्याघ्र,भेड़िये, अजगर, मानव, सब हैं रिपु,
Read Moreआज फिर तड़प उठा तेरे लिए मन,धड़क रहा मेरा दिल सुन ले स्पंदन।मैं अमरबेल बन लिपट जाऊ तुमसे,सुध-बुध भूल रहीं
Read Moreदेशभक्ति होता हर नागरिक का गुण,हर कोई हो नहीं सकता इसमें निपुण,सैनिक ताउम्र अपनी जिम्मेदारी निभाता है,वक्त आने पर अपनी
Read Moreहाथों में तिरंगा थाम,हम अपने देश के बहुमान के लिएतीनों सेनाओं का सम्मान करें,क्योंकि भारत की शान तिरंगा है। देश
Read Moreवो वेदना जो सदियों से हृदय में जली,न्याय की किरण बनी, आशा की ज्योति खिली।वंचितों की आवाज़, टूटी हुई दीवार,संविधान
Read Moreकैसे भूल सकते होइतिहास की बातों को,जाति के नाम पर पड़ेघूसों और लातों को,ये मत भूलो किआज भी उनके मोहरे
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