चंदा मामा (बाल कविता )
चंदा मामा रूप तुम्हारा मुझे लुभाया करता है | घटना- बढना निश दिन तेरा मुझ में अचरज भरता है |
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Read Moreबालकविता “खीरे को भी करना याद” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)—तन-मन की जो हरता पीरावो ही कहलाता है खीरा—चाहे इसका रस पी
Read Moreराजन के पापा ने दी साइकिल, स्कूल है जाता उसपर सवार। मस्ती करते वह नहीं है थकता, मिलता इससे खुशियां
Read Moreबालगीत “मन को बहुत लुभाते आम”—एक साल में आते आम।सबके मन को भाते आम।।—जब वर्षा से आँगन भरता,स्वाद बदलने को
Read Moreआओ वृक्ष -मित्र बन जाएँ। छाया देकर ताप मिटाएँ।। वृक्ष सदा हैं पर – उपकारी। हवा बहाते शीतल न्यारी।। वृक्षों
Read Moreआओ-आओ प्यारे बच्चो चलो घूमने-फिरने जाएंगे छुटियाँ अब तो शुरु हुई चलों आनंद खूब मनायेंगे। छुट्टी के संग-संग गर्मी आई
Read Moreकहाँ चले ओ बन्दर मामा,मामी जी को साथ लिए।इतने सुन्दर वस्त्र आपको,किसने हैं उपहार किये।।—हमको ये आभास हो रहा,शादी आज
Read Moreआओ खेलें नेता – नेता। बनकर कुर्सी – वीर विजेता।। चिकनी- चुपड़ी बातें करके। नोट कमाएँ कमरे भरके।। नेता बस
Read Moreगुनगुन करता भौंरा आया फुल कलियों को है रिझाया। चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं सुबह का संदेशा ले के आईं। रंग-बिरंगी
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