दो बाल काव्यमय कथाएं
1. कर भला तो हो भला एक गुलाम भागकर पहुंचा, एक घने जंगल में, कोई शेर कराह रहा था, जाने
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Read Moreरोटी एक मिली कौए को, मन में बहुत-बहुत हर्षाया, उसे देखकर एक लोमड़ी, का भी मन था ललचाया. ”कौए भाई,
Read Moreकौआ एक बड़ा प्यासा था, उड़कर पहुंचा एक बाग में, जहां पड़ा था एक घड़ा पर, पानी था थोड़ा-सा उसमें.
Read Moreअध्यापक ठाकुर जी कक्षा सातवीं में आए। बोले- “बच्चों ! कल से दशहरे की छुट्टी
Read Moreशहर चला जब मंगलू भाई, बोले लोग, ”तू है ही लल्लू, काम गधे से क्यों नहीं लेता? थक जाएगा बेटा
Read Moreनीलू-शीलू लगीं झगड़ने, रोटी कौन बड़ी खाएगा? ”बंदर मामा, तुम्हीं बता दो, रोटी कौन बड़ी पाएगा?” छोटी एक तराजू लेकर,
Read Moreसबसे अच्छे मेरे शिक्षक आँखों मे चश्मा चमक रहा, है गेहुंआ रंग । धोती कुर्ता पहन कर आते , अजब
Read Moreडेंगू से है जंग हमारी। करें हराने की तैयारी।। स्वच्छ रखें अपना घर पूरा। रहे पास में एक न घूरा।।
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