भक्तिकालीन संत काव्य की प्रासंगिकता
उत्पन्ना द्राविडेचाहं कर्नाटे वृद्धिमागता।स्थिता किन्चिन्महाराष्ट्रे गुर्जरे जीर्णामता।।अर्थात् “श्रीमद्भागवत” में व्यास महर्षि ने भक्ति के मुख से यह कहलवाया है कि
Read Moreउत्पन्ना द्राविडेचाहं कर्नाटे वृद्धिमागता।स्थिता किन्चिन्महाराष्ट्रे गुर्जरे जीर्णामता।।अर्थात् “श्रीमद्भागवत” में व्यास महर्षि ने भक्ति के मुख से यह कहलवाया है कि
Read Moreमेरा मानना है कि लोकमंगल का आशय हर उस क्षेत्र के मंगल यानी खुशहाली और समृद्धि से है, जिसका हमसे
Read Moreहिंदी भारत की राष्ट्र भाषा होने के साथ जनभाषा भी है। यही वह भाषा है जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक
Read Moreवैश्विक स्तरपर यह सर्वविदित है कि भारत आदि अनादि काल से संस्कृत,साहित्य आध्यात्मिकता का गढ़ रहा है, जो हम हमें
Read Moreहम सब हिंदी दिवस की औपचारिकता तोयूं ही निभाते रहेंगे,हिंदी बोलने, हिंदी लिखने की औपचारिकताबस हिंदी दिवस पर ही निभाएंगे।चौदह
Read Moreआज जब हमारे देश भारत का वैश्विक स्तर पर झंडा बुलंद हो रहा है, हाल ही में संपन्न हुए जी-20
Read Moreआज हिंदी भाषा सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि सभी भारतीय भाषाओं में समृद्ध और मुख्य भाषा है। हिंदी भावों ,अभिव्यक्ति
Read Moreअंग्रेजी का परचम फहराते जो घर घर में, उसको ही महान बताते जो सारे जग में उनको मैं अंग्रेजी का
Read More‘भाषा’ मानव जीवन में अनोखा साधन है। जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचारों को, भावनाओं को दूसरों तक पहुँचा सकते हैं
Read Moreमालवा निमाड़ क्षेत्र के लोगों के लिए मालवी निमाड़ी बोलियों की साहित्य अकादमी खोलने की मांग प्रशंसनीय है। मध्यप्रदेश में
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