सामाजिक

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रिश्तों का एटीएम: जब प्यार केवल ट्रांज़ैक्शन बन जाए

रिश्ते अब महज़ ज़रूरतों के एटीएम बनते जा रहे हैं। डिजिटल दुनिया ने संवाद को ‘रीचार्ज पैकेज’ और मुलाक़ातों को

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इंसान का अंदर ही अंदर टूटना और खामोशी — एक तफ़सीली तसव्वुर

इंसान जब अपनों के रवैयों से टूटता है, तो उसका दर्द लफ़्ज़ों में बयां करना आसान नहीं होता। अपनों से

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