“पाथर टीला” : ग्राम्य जीवन के बदलते मिज़ाज का दस्तावेज
जब से गांव में शहरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ी है और शिक्षा का प्रसार व व्यापारीकरण हुआ है तब से एकता
Read Moreजब से गांव में शहरीकरण की प्रवृत्ति बढ़ी है और शिक्षा का प्रसार व व्यापारीकरण हुआ है तब से एकता
Read Moreमेरी पुस्तक “उत्तर – पूर्वी भारत के आदिवासी” प्रकाशित हो चुकी है I यह अमेज़न पर ऑनलाइन भी उपलब्ध है
Read Moreसमीक्ष्य कृति:- जीना इसी का नाम है (आलेख-संग्रह) कृतिकार:- राजकुमार जैन ’’राजन’’ प्रथम संस्करण – 2020 ई0 मूल्य:- 200 रूपये
Read Moreलघुकथा कलश जुलाई-दिसम्बर 2019 ‘रचना प्रक्रिया महाविशेषांक’ पर मेरी प्रतिक्रिया लघुकथा कलश ‘रचना प्रक्रिया महाविशेषांक’ जुलाई-दिसम्बर 2019 में सम्पादकीय से लेकर सभी रचना प्रक्रियाओं में लघुकथाकारों के लिए
Read Moreविद्वान् संपादक आदरणीय डॉ सिंहल साहब द्वारा लिखित पुस्तक “शान्तिदूत” साहित्यिक आत्मीयता के सद्प्रभाव से प्राप्त करने का पावन सुअवसर
Read Moreजिंदगी ही कहानी है या कहानी ही जिंदगी है इस प्रश्न का ठीक-ठीक उत्तर देना थोड़ा उलझन भरा हो सकता
Read Moreआकर्षक आवरण वह भी विषयवस्तु के अनुसार पत्र तुम्हारे लिए पुस्तक मेरे समक्ष है ।साहित्य जगत उसमें समाज के सन्देश
Read Moreयुवा कवि मुकेश कुमार ऋषि वर्मा कृत काव्य-संग्रह “काव्य दीप” 31 कविताओं का संग्रह है। जिनका प्रकाशन रवीना प्रकाशन दिल्ली
Read Moreस्वतंत्रता के बाद से ही पूर्वोत्तर के राज्य उग्रवादी गतिविधियों से जूझते रहे हैं I विद्रोह और उग्रवाद को दबाने
Read Moreभारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार और तिब्बत – पाँच देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित है। असम,
Read More