व्यंग्य – मुड़-मुड़ के तो देख
हाँ ,हम तुम्हीं से कह रहे हैं।तुम अच्छी तरह से समझ तो गए ही होगे कि तुम्हें पीछे मुड़कर देखने
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Read Moreसंसार में जितने भी जीव देह धारण करते हैं;मुझे लगता है कि सबका एक ही उद्देश्य है। और वह है
Read More“बहुत दिनों बाद आज कुछ सोचते सोचते अच्छी नींद आ गई। जब नींद अच्छी हो तो सपने का आना तो
Read Moreकुछ लोगों का जन्म विरोध की कोख से होता है। वे तलवार की धार पर गर्दन रखेंगे। कुल्हाड़ी पर पैर
Read Moreइस समय हमारे देश सहित विदेशों में भी मोदी जी से भी ज्यादा लोकप्रियता बुलडोजर की है वैसे बुलडोजर को
Read Moreगर्मियों की छुट्टियों के उपलक्ष में घर में भांति भांति के मेहमान आए हुए थे।मैंने भी खूब शरबत आदि बना
Read Moreमैं बचपन से बहुत झूठ बोलता हूँ। लेकिन सत्याग्रह करने से कभी नहीं डरा। इस मामले श्रीकृष्ण मेरे आदर्श रहे।
Read Moreविद्वान कहते हैं कि इस जगत में सब नश्वर है। गलत बात। एक चीज़ और है जो शाश्वत, अजर, अमर
Read Moreदेश पाषाण युग की ओर लौट रहा है। पाषाण उत्सव मना रहा है। पत्थर में भगवान तलाशे जा रहे हैं
Read Moreलाहौल विला कूवत! देश-धर्म के लिए मरने में भी कोई तुक है? मरना ही है, तो किसी अस्पताल में जाकर
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