गजल
फीके हुआ बाजार कोरोना है मंदी की पड़ी मार कोरोना है कोई तरीका बताए तो निजात मिले दिखता नहीं कोई
Read Moreबिहार में एक ज़िला, जहाँ 6℃ लिए ठंढ पर 9 AM से 4 PM तक विद्यालय संचालित होती, उसपर शिक्षकों
Read Moreसूर्यग्रहण अभी ‘काजू’ लग रहा है ! आस्थावाले को न नहाने और न खाने के चक्कर में ऑफिस या स्कूल
Read Moreधर्मनिरपेक्षता तो यही है कि वे अगर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करते हैं, तो हमें भी ‘क़ुरआन’ की आयतें पढ़ने
Read Moreउन्नीस से निकल 20 में आने से पहले ही वो ‘विष’ हो गई ! सोचा- अगला मैच ट्वेंटी-ट्वेंटी (20 20)
Read Moreदीपो का दिवाली आयी है , दीप जगमगाते दिवाली आयी है , मीठे मीठे मिष्ठान लेकर आयी है , लाल,
Read Moreफूलों पर ओंस बन नयनों की मूक भाषा बन अधरों की मुस्कान बन इशारों के संकेत बन खिल उठता प्रेम।
Read More