गीतिका/ग़ज़ल

गजल

फीके हुआ बाजार कोरोना है

मंदी की पड़ी मार कोरोना है

कोई तरीका बताए तो निजात मिले

दिखता नहीं कोई सुधार कोरोना‌ है।

हाथ मिलाने को मन तो करता है बहुत

डर ने किया लाचार कोरोना है।

अभी दवा आने जरा समय‌बाकी है बचा

मास्क पहनो अभी समझाए सरकार कोरोना है‌।

बदलाव लाने से शायद बदल जाए सबकुछ

कुछ तो करो विचार कोरोना है।।

 

 

 

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश