फूले का भारत
शूद्र अछूत कहे जिन्हें, जीवन भर लाचार।फूले ने दी सीख तो, खोला ज्ञान-द्वार॥ यज्ञ-जपों की आड़ में, होता रहा प्रपंच।फूले
Read Moreशूद्र अछूत कहे जिन्हें, जीवन भर लाचार।फूले ने दी सीख तो, खोला ज्ञान-द्वार॥ यज्ञ-जपों की आड़ में, होता रहा प्रपंच।फूले
Read Moreफुले केवल उन्नीसवीं सदी के समाज सुधारक नहीं थे, बल्कि वे आज भी जाति, लिंग और वर्ग आधारित असमानताओं के
Read Moreमानो यह सीधा किसी विज्ञान परिकल्पना– या यूं कहें गेम ऑफ थ्रोन्स से – लिया गया दृश्य हो, जब गत
Read Moreभारत में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकार आज निजी संस्थानों के लिए मुनाफे का जरिया बन चुके हैं। प्राइवेट
Read Moreअभी -अभी मेल परयमराज का संदेश आया,विश्व कविता दिवस पर प्राप्तयमराज की बधाइयां शुभकामनाओं सेसच मानिए! मेरा दिल भर आया।साथ
Read Moreआजकल मेरे जीवन की अजीब पहेली हैदर्द चिंता आँसुओं में डूबी मेरी सहेली हैसमझ आता नहीं ये क्यूँ बनती साँप
Read Moreसम्मान तुम्हारा तब तक रहेगा,जब तक स्वाभिमान न डिगेगा।यदि ठेस पहुंची मेरे मान को,फिर नमन नहीं अपमान मिलेगा। झुकना विनम्रता
Read Moreयही स्वाभाव है,समर्पित मन का संकल्प है,हिमालय की परिकल्पना में,सहृदय सद्भाव है। नश्वर शरीर में मौजूद,उम्मीद की किरण है।नवीन चेतना
Read Moreगरीबी हटाओ का नारा भारतीय राजनीति का सबसे पुराना और सबसे आजमाया हुआ वाक्य है। यह नारा सुनते-सुनते कई पीढ़ियां
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