सामाजिक

अनुकरण

अनुकरण का अर्थ है नकल करना। मनुष्य में अन्य जीवधारियों की तुलना में स्वाभाविक ज्ञान अत्यन्त कम होने के कारण वह शैशव अवस्था से ही अपने सभी नित्य कर्मों को बड़ों के अनुकरण के द्वारा ही सीखता है। जहां गाय आदि पशुओं के बछड़े पैदा होते ही कुलांचे भरने लगते हैं, वहां मनुष्य का बच्चा लगभग एक साल का होने पर ही अनुकरण के द्वारा चलना सीखता है। अगर किसी बच्चे को समाज से अलग करके रख दिया जाय तो वह किसी का भी अनुकरण कर सकने में असमर्थ होने के कारण असहाय और अज्ञान अवस्था में ही रह जायेगा। शिशु को किसी भी क्रिया को सीखने के लिए पूछने की आवश्यकता नहीं होती, वह केवल अन्य लोगों का अनुकरण कर सीख जाता है। अनुकरण के द्वारा ही हम अपनी मातृभाषा को सीख पाते हैं।

हम अपने आसपास विभिन्न प्रकार की जीवन शैलियां देख कर उनकी नकल करना चाहते हैं। समाज में उच्च श्रेणी के लोग जिस प्रकार का खान-पान, उठना-बैठना, व्यवहार आदि करते हैं, उसी की नकल करना चाहते हैं और यह नहीं सोचते कि इस प्रकार के व्यवहार हमारी जीवन पद्धति के अनुकूल हैं या नहीं। हम देखते हैं कि अनुकरण के लिए उस कार्य या व्यवहारों का हमारे लिए अनुकूल होना भी आवश्यक है। आज सारे संसार में इन्टरनैट के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जीवन शैलियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कारण पाश्चात्य देशों के आचार-विचारों और तौर-तरीकों की नकल करने की होड़ सी लग गई है, यहां तक कि गृहस्थ जीवन में किये जाने वाले अत्यन्त निजी व गोपनीय व्यवहार को भी सार्वजनिक और सामूहिक रूप से करने में गौरव माना जा रहा है। हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति के मूल तत्त्वों को सदा याद रखते हुए इस भेड़चाल से अपने को बचाना चाहिए।

एक समय था, जब हमारे आदर्श भगवान् राम, कृष्ण, हमारे शिक्षक, जीवन में सफलता प्राप्त करने वाले खिलाड़ी, वैज्ञानिक या सैनिक होते थे। आज उनका स्थान फिल्मी सितारों आदि ने ले लिया है। हमें भावी पीढ़ी को इस प्रकार की शिक्षा देनी चाहिए कि वे स्वयं विवेकशील बनें और हमारी सभ्यता और संकृति के अनुसार ही अपन आदर्श स्थापित कर उनका अनुकरण करें। हमारे शास्त्रों में तो कहा ही गया है- महाजन अर्थात् गुणी लोग जिस मार्ग से जाते हैं, वही श्रेष्ठ मार्ग है। हमें उसी का अनुकरण करते हुए, चलना चाहिए।

कृष्ण कान्त वैदिक

2 thoughts on “अनुकरण

  • Man Mohan Kumar Arya

    सराहनीय एवं प्रशंसनीय। कृपया संस्कृत भाषा पर कुछ ऐसा लिखे जिससे इसे जानने व सीखने की सबको प्रेरणा मिले।

    • Krihan Kant Vaidik

      आर्य जी धन्यवाद। संस्कृत भाषा के सम्बनध में लिखनेका का प्रयास करूंगा।

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