कविता

गज़ल

हर कोई अपने ख्यालों मे खोया नज़र आया |
उसे देखा तो गुज़रा ज़माना फिर याद आया |
उसे भूल जाऊँ यह तो नहीं कह सकता हूँ मैं |
मुझे समझने वाले बहुत कम हैं दुनिया मे |
उनमे से उसका नाम सबसे पहले याद आया |
पता नहीं वो क्या सोचता है मेरे बारे मे |
उसके ख्यालों से अभी वाकिफ नहीं था मैं |
उसकी बदलती नज़रो को जिस दिन देखा मैने |
उसकी यादों को अपने अतीत के साथ दफना आया |
अब कुछ और है मौसम इस दिल का|
इन्तज़ार है तकदीर के दूसरे पहलू का |,
जो बीतेगी फिर लिखूंगा मैं ,
कि कलम तो साथ नहीं छोड़ेगी आखिर |||

कामनी गुप्ता

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |

2 thoughts on “गज़ल

  • कामनी गुप्ता

    Thanks sirji

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

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