गीत/नवगीत

चाहत..

मेरी हर सांस में, हर आस में विश्वास में तू है।
तू दिल कि धडकनों में है, मेरे अहसास मे तू है।
तू मेरी अारजू में है, तू मेरी जुस्तजु में है
मेरी हर सोच में तू है, मेरे आभास में तू है

मेरे सपनों में तू है, तू हकीकत में पसानों में
मेरे गीतों में तू है, तू ही तू मेरे तरानों में।
जमीं है तू ख्यालों की,तू जीवन है कयामत है
तू जीने की वजह मेरी, तू मेरे दिल की चाहत है॥

ईश्क तू है मोहब्बत तू, इनायत है तू हसरत है
मेरी दीवानगी तू है, तू रब है, तू रवायत है।
तु मेरी आशिकी है, जिन्दगी की हर खुशी तुझसे।
तु मेरा हौसला है, जिन्दगी है हर जरुरत है॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

2 thoughts on “चाहत..

  • वैभव दुबे "विशेष"

    सुंदर अभिव्यक्ति उम्दा ख्याल

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया वैभव जी…

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