कविता

हिंदी

चौदह सितम्बर
हिंदी दिवस का दिन
हिन्दीमय भारत
चारों तरफ
सम्मलेन, संगोष्ठी ,भाषण
सरकारी कार्यालयों ,संगठनों ,संघों
की दीवारों पर शोभित
बड़े बड़े पोस्टर
हिंदी का गुणगान करते हुए
हिंदी की शान में
गर्वोक्ति
कहीं कहीं
हिंदी की दुर्दशा पर
स्वीकारोक्ति !!
पन्द्रह सितम्बर —
सभी समाचार पत्रों में
डंके बजाते समाचार
की हमने कहाँ कहाँ पर
कितने कितने जोर शोर से
हिंदी दिवस मनाया
कितनी और कौन कौन सी
हिंदी प्रतियोगिताए हुईं
कितनो से  क्या-क्या
इनाम जीते
या यूँ कहें
इनाम बटोरे
सोलह सितम्बर —
धीरे धीरे
हिंदी से हिंदरेज़ी  की तरफ
बढ़ता भारत
सत्राह सितम्बर —
फिर से अपनी लहर पर
वापिस लौटता
इंडिया और इंडियंस
उन्नीस सितम्बर
इधर उधर
सरकारी दीवारों पर
लटकते
रंग उड़े ,फटे पोस्टर
और उन पर
अधमिटे ,धूमिल से
हिंदी की गरिमा का
ब्यान करते
 बेरंग हो चले अक्षर
अगली चौदह सितम्बर को
फिर से
रंगीन होने के
इंतज़ार में
जय हिंदी
जय इंडियंस !!