गीत/नवगीत

ना ये जमी होगी

ना ये जमी होगी
ना आसमा होगा ।

यहाँ जो भी इश्क करे
उसका ना ये जहाँ होगा ।

ना साथ कोई देगा
ये दिल तनहा होगा ।

हम जिसको चाहेंगे
वो हमको दगा देगा ।

आखों में दे आंसू
वो मुझपे हसा होगा ।

वो संगदिल क्या जाने
क्या मेरा हाल हुआ होगा ।

शीशे का हर सपना
तब चूर हुआ होगा ।

होता था हमारा जो
हमसे दूर हुआ होगा ।

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com

One thought on “ना ये जमी होगी

  • विजय कुमार सिंघल

    बेहतरीन कविता !

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