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सार्थक प्रयत्न

फादर्स डे को सब लोग अपनी-अपनी विचारधारा के अनुसार मनाते हैं. भारतीय सिने जगत के मशहूर ऐक्टर इरफान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित हैं. अपने बच्चों को भी उन्हीं संस्कारों से आप्लावित करना उन्होंने अपना कर्त्तव्य समझा, इसलिए फादर्स डे के दिन वे अपने छोटे बेटे अयान को लेकर राष्ट्रपिता के आश्रम पहुंचे. अपनी अपकमिंग मूवी ‘मदारी’ को लेकर व्यस्त होते हुए भी, उन्होंने न केवल फादर्स डे पर बेटे अयान के लिए समय निकाला बल्कि उन्हें लेकर राष्ट्रपिता के आश्रम भी पहुंचे. पिता और पुत्र दोनों ने चरखा चलाना और सूत कातना सीखा. इरफान और अयान ने जिस चरखे से सूत कातना सीखा, खुद महात्मा गांधी उसका इस्तेमाल किया करते थे. इरफान की यह बात हमें बहुत अच्छी लगी. आजकल बच्चों के लिए धन और सभी सुविधाएं तो सभी मुहैय्या करा सकते हैं, लेकिन संस्कारों के पल्लवन के लिए वे समय ही नहीं निकाल पाते हैं. इस मायने में इरफान का यह प्रयत्न हमें सार्थक लगा.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “सार्थक प्रयत्न

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    इरफ़ान को बिग सैलिऊत .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

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