समाचार

साहित्यिक परिचर्चा एवं एकल रचना पाठ

news-1-picमध्यप्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी भोपाल मासिक साहित्यिक परिचर्चा एवं एकल रचना पाठ की श्रृंखला में दिनांक 09 सितम्बर, 2016 को सायं 4.30 बजे से स्वराज भवन, रविन्द्र भवन परिसर के गोष्ठी हाल में साहित्यकारों की पुस्तकों का लोकार्पण, व्यंग्य विधा पर परिचर्चा एवं वरिष्ट कवि श्री विश्वनाथ शर्मा ‘विमल’ तथा श्री नवल जायसवाल के रचना पाठ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं निराला सृजनपीठ,संस्कृति परिषद म.प्र.शासन भोपाल के निदेशक डाॅ. देवेन्द्र दीपक, अकादमी के अध्यक्ष डाॅ.मोहन तिवारी ‘आनंद’,वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षाविद श्री यतीन्द्रनाथ राही आदि ने माँ सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में डाॅ. मोहन तिवारी आनंद ने म.प्र. तुलसी साहित्य अकादमी की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए आज के कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की। द्वितीय चरण में साहित्यकारों की हाल ही में प्रकाशित पुस्तकों के लोकार्पण के क्रम में डाॅ.मोहन तिवारी ‘आनंद की पुस्तक ‘चौपाल की कहावतें, एवं श्री विश्वनाथ शर्मा ‘विमल’ की पुस्तक ‘यादें अपने गाँव कीं’ का लोकार्पण किया गया।

तृतीय चरण में ‘व्यंग्य विधा पर विचार विमर्श के दौरान साहित्यकारों ने व्यंग्य की मारक क्षमता और वर्तमान समय में व्यंग्य के व्यापक स्वरूप पर विचार रखे। वरिष्ठ साहित्यकार श्री युगेश ने व्यंगय के सम्बंध में कहा- ‘व्यंग्य सहज ढंग से इशारों-इशारों में कड़वे से कड़वे सच को कहने की कला है। यह हँसाते गुदगुदाते हुए सामाजिक कुरीतियों, विषमताओं, चारित्रिक पतन आदि से परिचित ही नहीं कराता अपितु आपको सोचने पर विवस भी कर देता है। व्यंग्य विधा वर्तमान में काफी प्रचलन में है और बहुत प्रभावकारी सावित हो रही है।

रचना पाठ के क्रम में श्री विश्वनाथ शर्मा ‘विमल’ ने अपनी छन्द विधान में रची-पची 16 और श्री नवल जायसवाल ने मुक्त छन्द की 14 रचनाओं का पाठ किया। जिन्हें उपस्थित साहियकारों की प्रवल सराहनाएं मिलीं। रचना पाठ के बाद उपस्थित साहित्यकारों की प्रतिक्रियाओं का समीक्षात्मक दौर चला जिसमें श्री जितेन्द्र तिवारी,वर्मा राम भरोसे, श्याम बिहारी सक्सेना, श्री श्री निबास झा, आदि सहित अन्य साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किये।

अन्त में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री युगेश शर्मा एवं अध्यक्ष डाॅ.देवेन्द्र दीपक वरिष्ठ साहित्यकार एवं निराला सृजनपीठ, संस्कृति परिषद म.प्र.शासन भोपाल के निदेशक ने दोनों रचनाकारों की रचनाओं पर समीक्षात्मक टिप्पणी की तथा कार्यकम के सफल आयोजन पर बधाई दी। कार्यक्रम का सफल संचालन अकादमी के सचिव चंद्रभान राही ने किया और उपस्थित साहित्यकारों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की अकादमी के उपाध्यक्ष श्री अशोक गातम घायल ने।