कविता

बचपन

फूलो की कलियों सा प्यारा
सबका बचपन प्यारा- प्यारा
भवँरे फूलो को महकाते
जैसे माता पिता ने हमे सवारें
फूलो की कलियो सा प्यारा
सबका बचपन प्यारा- प्यारा
बचपन की हर छवि न्यारी
जैसे फूलो की हो क्यारी
बचपन मे बसता जग सारा
फूलो के कलियो सा प्यारा
सबका बचपन प्यारा-प्यारा
बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।