बाल कहानी

ऐसी हो दिवाली

मां! मैने अभी खबरों में सुना कैसे हमारे देश को पड़ोसी देशों से खतरा है।
मां, सच में हमारे देश को बहुत मुशकिलों का सामना करना पड़ रहा है। काश ! मां मैं जल्दी बड़ा हो जाऊं और कुछ तो कर पाऊं देश के हित के लिए। मां रसोईघर में काम में व्यस्त थी और शुभम अपने में मग्न बस परेशान हो बोले जा रहा था। मां को बहुत हैरानी हो रही थी कैसे शुभम भी पापा के साथ खबरे सुनकर परेशान हो रहा है कि अपने देश को किस स्थिति से गुज़रना पड़ रहा है। और वो अपनी सोच को यहां तक ले जा सकता है ले जा रहा हैऔर देश के लिए कुछ भी जो वो कर सकता है करने के लिए अपने दिमाग पर कैसे ज़ोर दे रहा है।
मां हम इस बार स्वदेशी चीज़ों से ही दिवाली मनाएंगे हम अपने देश को सम्मान भी दिलाएंगे और सुरक्षित भी करेंगें। हम चीनी सामान का वहिष्कार करेंगे मां मैं जब शाम को दोस्तों के साथ खेलने जाऊंगा उनको भी समझाऊंगा। हम अपने देश के लिए मिलकर काम करेंगे फिर देखना कोई भी हमें नुक्सान नहीं पहुंचा पाएगा। है ना, मां !
आपने ही कहानी सुनाई थी कि अकेले हम कुछ नहीं कर सकते पर मिलकर बहुत कुछ क्योंकि एकता में बहुत ताकत होती है। मां मैं स्कूल में, खेलने के वक्त यहां भी जाऊंगा सबसे कहुंगा कि वो चीनी सामान न लें अपने देश की ताकत को बड़ाएं। जो हमारे देश को नुकसान पहुंचाएं मां हम उसका साथ कैसे दे सकते हैं । मां मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है। हम चीन को मनमानी नहीं करने देंगे। मां ऐसी हो दिवाली कि हमारे घर के साथ साथ देश में भी खुशहाली आए। तो ही तो दिवाली का मज़ा आएगा न मां। यह कहकर शुभम भाग कर दोस्तो को समझाने पार्क में चला गया। मां को बहुत गर्व महसूस हो रहा था कि शुभम ने इस बार कोई जिद्द के बिना कैसे खुद ही एक अच्छी पहल की सोची शायद मैं नहीं कर पाती पर अगर बच्चे समझ गए तो बड़े क्यों नहीं।
कामनी गुप्ता ***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |