कविता

पाकर तुम्हे….

वक़्त ने हमें बहुत गम दिए
फिर भी हम मुस्कुराते रहे
न चाहा कभी जिंदगी से ज्यादा कुछ
जो मिला किस्मत से बस उसी में
खुश रहना सिख लिए
पर कहते है ना गम के साथ
खुशियाँ भी साथ दस्तक देती है
और ये खूबसूरत सच हुआ साबित
वक़्त ने बदला करवट एकदिन
और हो गया मेहरबान हमपर
आ गए तुम मेरे जिंदगी में बहार बनकर
करने मेरे उन सारे सपनों को साकार
जो देखे थे हमने दिन के उजाले में
खुली आँखों से
हाँ! वो सारी छोटी बड़ी खुशियाँ
जिनकी थी मैं हकदार
एक एक कर करने लगे
तुम हमपर बौछार
ऐसा लगने लगा जैसे हो रहा हो कोई
ईश्वरीय चमत्कार
क्या कहूँ अब मैं तुमसे ओ सनम
एक तुम्हे पाकर पा लिया मैंने पूरा जहान।

*बबली सिन्हा

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