कविता

हे प्रभु-समाधान करें

हे प्रभु
मन में एक शंका है
इसका समाधान करें
आप इंसान को इस दुनिया में भेजते हैं
रोता हुआ………
क्यों वह रोता हुआ आता है
हँसता हुआ क्यों नहीं ??
और प्रभु
जब वह रोता हुआ आता है –
उसके अपने ख़ुशी मनाते हैं,
बस यहीं प्रभु ‘चूक’ हो गयी
बस बच्चा उसी दिन समझ जाता है —
हे इंसान, अब तू इस धरती पर आया है
दुनिया तुझे रोता देखकर हँसेगी
और यहाँ हंसने की भूल न करना –
यह दुनिया तुझे हँसता देखकर जलेगी.
काश हर इंन्सान इस धरती पर
हँसता हुआ आये, उम्र भर खुशियां बांटे
और हँसता हुआ इस दुनिया से जाए
–जय प्रकाश भाटिया
१२/१०/२०१७.

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845