गीतिका/ग़ज़ल

ज़िन्दगी मिल गई मुझको

ज़िन्दगी मिल गई मुझको मगर जीना नहीं आया
सामने दरिया था मेरे मगर पीना नहीं आया

बहा डाला जिगर का खून जिन अपनो की खातिर
वही कहते रहे देखो उसे पसीना नहीं आया

बहुत भटका हूं दर बदर कभी इधर कभी उधर
सुकूं जो दिल को दे जाता वही महीना नहीं आया

राह थी पत्थर से भरपूर बदल सकता था अपना नूर
मगर जो भाग्यशाली हो वही नगीना नहीं आया

— राजेश सिंह

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :raj444singhgkp@gmail.com