कविता

मेरी प्यारी बिटिया रानी

तेरी पायल की रुनझुन से
घर मेरा डोले
तेरी एक किलकारी पे
पापा है बोले

जब से तुम आई जिंदगी में मेरे
खुशियों की बारिश होती है साँझ सबेरे

तुम से ही सुरु होती है
खुशियों की क्यारी
तुम ही तुम ही बस तुम ही तो
अपने पापा की दुलारी

मेरी प्यारी बिटिया रानी

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site