भजन/भावगीत

कांवड़िया कांवड़ लाए हैं

चलो शिवशंकर के द्वारे, कांवड़िया कांवड़ लाए हैं  
कांवड़िया कांवड़ लाए हैं, कांवड़िया कांवड़ लाए हैं-
1.शिव की जटा में गंगा-धारा, कांवड़ में गंगाजल प्यारा
दोनों का मेल कराएंगे कांवड़िया कांवड़ लाए हैं-चलो शिवशंकर——————-
2.श्रद्धा से गंगाजल लाए, पैदल-पैदल चलते आए
प्रेम से प्रभु को चढ़ाएंगे कांवड़िया कांवड़ लाए हैं-चलो शिवशंकर——————-
3.शिव भोले का रूप निराला, आनंद-मंगल करने वाला
प्रभु मन को महकाएंगे कांवड़िया कांवड़ लाए हैं-चलो शिवशंकर——————-
4.आओ प्रभु के दर्शन करलें, खुशियों से जीवन-घट भरलें
प्रभु आशीष बरसाएंगे कांवड़िया कांवड़ लाए हैं-चलो शिवशंकर——————-

(तर्ज़-सखी मिल मंगल गाओ री, हमारे घर राम आए हैं———–)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “कांवड़िया कांवड़ लाए हैं

  • लीला तिवानी

    सावन के महीने में कांवड़िया कांवड़ में गंगाजी से जल भरकर लाते हैं और उससे शिवजी का अभिषेक करते हैं. वे कांवड़ लेकर गाते-बजाते चलते हैं, उनके लिए रास्ते भर में खाने-पीने-रहने के विशेष प्रबंध किए जाते हैं. इसी अवसर पर प्रस्तुत है एक कांवड़-भजन.

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