लघुकथा

लड़की को कमजोर न समझें

‘अगर आपको लगता है कि आप डॉनल्ड ट्रंप के बेटे हैं तो यह आपकी गलतफहमी है. कोई लड़की कमजोर नहीं है. अगर कोई सीमा लांघेंगा तो हम अपनी आवाज उठाएंगे.’ राजस्थान के भरतपुर की एक लड़की ने पिछले दिनों पीछा करने वाले और उसे बदनाम करने के लिए अफवाहें फैलाने वाले एक लड़के की लाठी-डंडे से जमकर पिटाई करते हुए उसे चेतावनी दी.

लड़की का कहना है कि उसने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई, क्योंकि वह आरोपी को सुधरने का एक मौका देना चाहती है. लड़की ने कहा, ‘यह मेरा ऐसे लड़कों को मैसेज है कि किसी लड़की को कमजोर न समझें.’

लड़की ने सिद्ध कर दिया, ”हम केवल आवाज ही नहीं, जरूरत पड़ी तो लाठी-डंडे भी उठाएंगे. लड़की को कमजोर न समझें.” 

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “लड़की को कमजोर न समझें

  • लीला तिवानी

    कल के ब्लॉग के कामेंट में एक कामेंटेटर ने लिखा था- ” यही तो विडंबना है महिलाओं की उसे हर रूप में और हर जगह अपने आप को साबित करना पड़ता है.” प्रिय सखी, यह सच है- आज की लघुकथा में पुनः भरतपुर की वीर बाला ने यह सिद्ध कर दिया है, कि लड़की को कमजोर न समझें. उसने शोहदे की लाठी-डंडे से जमकर पिटाई करते हुए उसे चेतावनी दी. शाबाश, वीर बाला. आज महिलाओं को ऐसे ही साहस की जरूरत है, ताकि कोई उसकी ओर आंख उठाकर भी न देख सके.

Comments are closed.