कविता

मतदान

किसी को अली की याद आयी,
किसी को बजरंगबली की याद आयी।

नेताओ ने चुनाव जीतने के लिए ,
अपनी सारी अक़्ल आज दौड़ाई।

चुनाव की गर्मी होती है कुछ ऐसी,
पता नही मैडम किस किसान की
भरी धूप में फसल ही काट आयी।

शब्दो का नेता जी को ज्ञान बहुत है,
पर जनता की उमड़ी भीड़ देख कर
नेता जी शब्दो की मर्यादा भूल गए।

जबान उनकी कुछ ऐसी लड़खड़ाई
औरत को क्या कहना है क्या नही,
बेचारे सारे तमीज के दायरे भूल गए।।

नेता जी की ऐसी हरकतो से मतदाता
मन ही मन आज बहुत परेशान है।
इसे वोट दे या उसे वोट दे,
मन मे मचा आज बहुत ही तूफान है।

किसी बात से बिना घबराए सबको
अपना ये फर्ज निभाना ही होगा।
चुनाव के इस महापर्व में अपना मत
का प्रयोग जरूर ही करना होगा।।

आओ सब अपने मत का प्रयोग करें।
देश का विकास हो ऐसे नेता को वोट दे।।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)