कविता

विनम्र श्रद्धांजलि

माथे पर लाल बिंदी
माँग में लाल सिंदूर
तन पर रहती साड़ी
मुख पर तेज
वाणी में ओज
डर का कोई शिकन नहीं
कभी प्रखर
कभी मृदुभाषी
कभी तीखे तेवर
कभी नरम शायरी
ऐसा ही था अंदाज़
कुछ वरिष्ठ नेता
“सुषमा स्वराज” का
हो मोर्चा घर का
या संसद का
देश का या विदेश का
सब में निपुणता थी
भरी कूट कूट कर
जीती हर उत्सव
हर त्योहार भरपूर
हो तीज या करवाचौथ
एक सशक्त महिला
एक सशक्त नेता
एक सशक्त वक्ता
एक संपूर्ण जीवन संगिनी
एक ममतामयी माँ
ऐसे अदभुत चरित्र की
धनी “सुषमा स्वराज”
लाल जोड़े में दुल्हन सी सजी
हो गयी विदा कर आँखे नम कई
क्या छोटा क्या बड़ा
क्या करीबी क्या दूर
क्या पुरुष क्या महिला
आज सब थे मौन देख
शांत पार्थिव शरीर
अपने प्रिय नेता की
जिसकी आवाज़ न देगी
सुनाई अब कभी
न ही दिखेगी वो मृदुल
मंद मंद मुस्काती हँसी
और कितना कुछ कहती
दो आँखे।।
सदा के लिए आज विलीन
हो गयी पंचतत्व में
शख्शियत एक अज़ीम।।
मीनाक्षी सुकुमारन
    नोएडा

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |