ग़ज़ल
बिगाड़े है खुदा, बनाता भी तो है निराशा में आशा, जगाता भी तो है। भले ही कष्ट कितने वो दे
Read Moreमेरा दिल मानो कि गुलाब सा खिल गया कमरे में जब तेरा खत पुराना मिल गया खाली रातें,सूने दिन और
Read Moreओ३म् हमारा यह संसार लाखों व करोड़ो वर्षों पूर्व बना है। यह अपने आप नहीं बना और न ही स्वमेव
Read Moreओ३म् मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। परमात्मा ने इस संसार एवं इसके सभी प्राणियों को उत्पन्न किया है जिनमें
Read Moreओ३म् वैदिक धर्म एवं संस्कृति इस सृष्टि की आद्य एवं प्राचीन धर्म एवं संस्कृति है। यह धर्म व संस्कृति ईश्वर
Read Moreदक्षिण अफ्रीका से आने के बाद भारत में गाँधी जी ने पहला राजनीतिक अभियान 1919 ई. में शुरू किया था।
Read Moreराष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेष आज एकता की चाहत ने, फिर हमको ललकारा है, एक साथ सब मिलकर बोलो, भारत
Read More“नुक्कड़ की मुलाकात” ये झिनकू भैया भी अजीब किस्म के इंसान है, जब भी मिलते हैं गाँव के नुक्कड़ पर
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