गीत/नवगीत

यह देश न हारेगा,न हारा है करोना ,

यह देश न हारेगा,न हारा है करोना ,
डर के आगे है जीत,ये नारा है करोना ।

हर घंटे हाथ धोइए, मत हाथ मिलाओ
दूरी बनाओ भीड़ से, अब मास्क लगाओ,
दिख जाएं यदि मरीज तो यारा तु चलोना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना ।

सहमे हैं जो भी लोग, यार योग कीजिए,
घर में ही रहकर खुद, को तुम निरोग कीजिए
बाजार, माल, पार्क में आवारा फिरो ना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना ।

आता कोई विदेश से, पुलिस को बताओ,
छोटा -बड़ा कोई हो, सबकी जांच कराओ,
सब लड़ रहे कोरोना से तो, साथ तो दो ना ।
डर के आगे है जीत, ये नारा है करोना ।

दिन-रात एक कर रही सरकार आपकी,
हो जाएगी दलील सब, बेकार आपकी,
यदि फंस गए तो देगा सहारा न करोना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना।

खांसी आवे तो डॉक्टर से चेक कराइए,
सर्दी-बुखार होवे तो भी डर न जाइए,
बढ़ने लगे शरीर का पारा तो चलो ना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना

ये लाइलाज है नहीं, इसको हराएंगे,
पर धृष्टता करेंगे तो हम हार जाएंगे,
सहयोग से ही सबने उजारा है करोना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना ।

कुछ दिन के लिए छोड़ दो व्यापार आपका,
दो हफ्ते घर में रोक लो, परिवार आपका ,
भागेगा छोड़-छाड़ के सारा ही करोना ।
डर के आगे है जीत ये नारा है करोना ।

मत थूकिए खुले में, यूं न कीजै गंदगी,
मल-मूत्र खुले में तो,खतरे में है जिंदगी।
अब साफ-सफाई ही सहारा है, करो ना।
डर के आगे है जीत, ये नारा है कोरोना।

सबसे अच्छी लड़ाई हिंदुस्तान लड़ रहा ,
इंसान लड़ रहा, यहां ईमान लड़ रहा ,
जो चले प्रकृति संग, न हारा है डरो ना ।
डर के आगे है जीत, ये नारा है करोना ।

ये देश न हारेगा,न हारा है कोरोना,
“डर के आगे है जीत” ,ये नारा है कोरोना ।।

हम स्वस्थ रहेंगे तो, विश्व स्वस्थ रहेगा,
संकल्प व संयम है तो, जग मस्त रहेगा।
‘जनता का कर्फ्यू’ लगाओ, धारा में बहो ना,
‘डर के आगे है जीत’, ये नारा है कोरोना ।।

घर के बुजुर्ग घर में रहें, घर न छोड़िए,
सेवा जो कर रहे हैं,उनको दिल से जोड़िए,
सामान बहुत ज़्यादा संग्रहीत करो ना
डर के आगे है जीत’ ये नारा है कोरोना।

नवरात्रि आ रही है, मां आशीष बांटिए,
जो सेवा दे रहे हैं, मत पगार काटिए,
उनके भी घर के आप सहारा हो, भरो ना ।
डर के आगे है जीत’,ये नारा है कोरोना ।

— सुरेश मिश्र

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154