लघुकथा

पहल अपनों की

कालिमा बढ़ती जा रही थी महामारी और कर्फ्यु ने लोंगों में निराशा हावी हो रही थी वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग रात दिन लगा था मगर ये प्रयास भी कम पड़ते लग रहे थे इधर लाकडाऊन को लागू करने में खुद लोंगों ने ही पुलिस के नाकों चने चबवाने की ठान रखी थी जैसे ।
इन सबके बीच अपनी सोसाइटी को सीधा करने के लिये सोसाइटी की महिलाओं ने कुछ नया सोचा ये शुरूआत उन्होंने घरों से ही की अब दरवाज़े पर पुलिस के नहीं घरों पर बेलन के पहरेदार खडे़ थे मां पत्नी का चन्डी रूप देख घरों में ही कर्फ्यु लगा लग रहा था सोशल डिस्टेसिंग का पालन कुछ ऐसे भी हो सकता है महिलाओं ने साबित कर दिया एक दूसरे को वीडियो मैसेज कर सारी सोसायटीज में ये मैसेज पहुंचा दिया। शहर अब और खामोश था सब जागृत जो होने जो लगे थे ।

अल्पना हर्ष

अल्पना हर्ष

जन्मतिथी 24/6/1976 शिक्षा - एम फिल इतिहास ,एम .ए इतिहास ,समाजशास्त्र , बी. एड पिता श्री अशोक व्यास माता हेमलता व्यास पति डा. मनोज हर्ष प्रकाशित कृतियाँ - दीपशिखा, शब्द गंगा, अनकहे जज्बात (साझा काव्यसंंग्रह ) समाचारपत्रों मे लघुकथायें व कविताएँ प्रकाशित (लोकजंग, जनसेवा मेल, शिखर विजय, दैनिक सीमा किरण, नवप्रदेश , हमारा मैट्रौ इत्यादि में ) मोबाईल न. 9982109138 e.mail id - alpanaharsh0@gmail.com बीकानेर, राजस्थान