कविता

गांव शहर है सन्नाटा

क्या कोलकाता , क्या खड़गपुर
गया  हो या टाटा
कोरोना वायरस से कांपी दुनिया
गांव शहर है सन्नाटा
हर चेहरे पर चस्पा दहशत
दौर कुछ ऐसा आया है .
कैसी होगी भविष्य की दुनिया
सोच कर दिल घबराया है .
घर से चलेंगे बाबुओं के दफ्तर
गरीब भटकेंगे दर – ब- दर
अहसास से मन अकुलाया है ,
दौर कुछ ऐसा आया है .
बंद कमरों में  होली – दीवाली
दूर की  कौड़ी बकलौली – बतरस
व्वाट्सएप पर मिलेंगे स्नेह निमंत्रण
स्क्रीन पर मिटेगी  शादी – बारात की  हसरत
 भयाकुल मन भरमाया है
दौर कुछ ऐसा आया है
— तारकेश कुमार ओझा 

*तारकेश कुमार ओझा

लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं। तारकेश कुमार ओझा, भगवानपुर, जनता विद्यालय के पास वार्ड नंबरः09 (नया) खड़गपुर (पश्चिम बंगाल) पिन : 721301 जिला पश्चिम मेदिनीपुर संपर्क : 09434453934 , 9635221463