कविता

बच्चे समझदार हो गए हैं..

बच्चे समझदार हो गए हैं…
जब तक थे छोटे,
थे हर बात पे लड़ते
पल भर में खुश होते,
थे पल भर में बिगड़ते !
थक जाती थी, झगड़े सुलझाते
पर अब वही बच्चे…
हैं मिलने भी न आते
फोन पर भी हैं नहीं बतियाते
क्या उम्र बढ़ने के संग,
उनके जज़्बात कहीं खो गए हैं…
नहीं! पर …
बच्चे समझदार हो गए हैं।
“मेरी मम्मी है” कह कर,
अब कोई न लड़ता
“बस मेरे पास रहेगी” कह कोई न भिड़ता
समझाती थी जिनको,
करके दुलार
तर्क – वितर्क करते हैं मुझसे,
भूल सारा वो प्यार !
गुनगुनाना चाहती थी, जो संग बच्चों के
आखिर क्यों वो नगमें खो गए हैं
हां…
बच्चे समझदार हो गए हैं।
अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed