हाइकु/सेदोका

हाइकु

सपने टूटे
बिखरता इंसान
संभले कैसे?

सपनों का क्या
बनते बिगड़ते
समय चक्र।

खुद सँभलो
टूटते सपनों से,
हौसलों संग।

बिखरोगे तो
सपनों का टूटना
रुक जायेगा?

धैर्य रखिए
परीक्षा की ये घड़ी
बीत जायेेगी।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921