कविता

नफरत करो तुम मुझसे !

जब नियोजित शिक्षक
नियमित वेतनमान
और पेंशन की माँग करते,
तो सरकार की नजर में
अयोग्य हो जाते हैं;
पर अभियान के लिए
योग्य कैसे हो गए ?
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तेरे से मिलने की खुशी
दर्द बन जाती है,
अच्छा है,
मुझसे नफ़रत करो तुम !
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फीके न पड़े
कभी आपकी,
ज़िंदगी का रंग;
मुस्कराते रहे
ताउम्र आप !
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जब यह सिर्फ़
सामाजिक अभियान है
और जो स्वैच्छिक है,
तो फिर इस मद हेतु
सरकारी खजाने से
करोड़ों रुपये की
निकासी क्यों ?
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‘मानव शृंखला’ हेतु
निकली करोड़ों की राशि
शृंखलाबद्ध होने के प्रसंगश:
शिक्षकों व छात्रों को
अबतक नहीं मिली,
तो यह राशि किसे मिली ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.