कविता

होली आई रे

होली आई रे आई रे होली आई रे ,
जीवन को रंगों से रंगायी रे ,
मन मे पुलकित पंख लगायी रे,
लाल हरा रंग रंगाई रे !
होली आई रे आई रे होली आई रे ,
मन तन के दिल मे आग लगायी रे ,
जीवन को मदहोश करायी रे ,
मन में बसंत बहार लायी रे !
होली आई रे आई रे होली आई रे ,
जीवन को सातों रंगों से रंग मे मिलाई रे ,
प्यार और भाईचारे का नदियाँ बहाई रे ,
हिंदू – मुस्लिम का भेदभाव मिटायी रे !
होली आई रे आई रे होली आई रे ,
रिश्ते नाते को एक डोरे मे बाधि रे ,
मंदिर मस्जिद को अपनाई रे ,
दिल मे दुनिया-जहान को समाई रे !
होली आई रे आई रे होली आई रे !
– रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com