संस्मरण

भावुक स्मरण

पाठकों से नम्र निवेदन है कि वे इंटरनेट संस्करण व स्मार्टफोन की आभासी दुनिया से बाहर निकल मुद्रित पुस्तकों व पत्रिकाओं को खरीदने में रुचि दिखाएँ, जिनसे ये विक्रेता बंधु भी मुदित व प्रफुल्लित होते रहें !

बिहार के कटिहार ज़िले में प्रिंट किताबों और पत्र-पत्रिकाओं की बिक्री साफ खत्म-सी हो गई है । मनिहारी अनुमंडल में तो यानी यहाँ किसी भी पुस्तक दुकानों में समसामयिकी पुस्तकें व पत्रिकाएँ नियमित आती ही नहीं, क्योंकि यहाँ अधिकतम पाठक मुफ़्त में पढ़ने के आदी हैं । बुद्धिजीवी मित्रो को यह सत्य अवश्य ही करुआ लगेंगे, लेकिन यथार्थ तो यही है।

कटिहार जंक्शन के प्लेटफार्म नं. 1 पर (पहले RMS वाले प्लेटफार्म  पर) AHW बुक शॉप कई दशकों से चर्चित रहा है, बड़े-बड़े साहित्यकारों ने यहाँ से पुस्तकें व पत्रिकाएँ खरीदते रहे हैं, किन्तु अब प्रिंट पुस्तकों व पत्रिकाओं की बिक्री नहीं होने पर उस जगह भुजिया-गुझियां बिकने लगी हैं।

इस शॉप के ऑनर श्री राजीव रंजन राय ने जब पुस्तक पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध); लव इन डार्विन (नाट्य पटकथा) उपहारस्वरूप प्राप्त किये, तो उनकी पीड़ा आँसू रूप में ढुलक पड़े!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.