बाल कविता

गर्मी की छुट्टी है आई

गर्मी की छुट्टी है आई,
नानी मां की याद सताई।
घूमे-फिरे, मौज मनाई,
जलेबी, लड्डू,बर्फी खाई।।
गर्मी की छुट्टी ……
दोस्त मिले जब नए पुराने,
लूडो, कैरम, सैर-सपाटे ।
धमाचौकड़ी खूब मचाई,
पिकनिक की भी बारी आई।।
गर्मी की छुट्टी……..
हुई शाम जब ढल गया सूरज,
स्विमिंग पूल में तैर लगाई।
रातें छोटी, दिन लंबे है,
जून टिप-टिप बारिश आई।।
गर्मी की छुट्टी ……
राकेट उड़ाया नाव चलाई,
बारिश में खूब धूम मचाई।
रातों को जब बिजली गुल हो,
छत पर चढ़ लालटेन जलाई।।
गर्मी की छुट्टी……
छुट्टियां तुम जल्दी न जाना,
करनी पड़ेगी पुनः पढ़ाई।
गर्मी की छुट्टी है आई,
बच्चों पर है मस्ती छाई।

— आसिया फारूकी

*आसिया फ़ारूक़ी

राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका, प्रधानाध्यापिका, पी एस अस्ती, फतेहपुर उ.प्र