धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सदा उम्मीदों के दीए जलाए रखें

प्रकाश देता है जीवन में उर्जा, सौंदर्य, खुशहाली, समृद्धि का संचार, उमंग, हौसलों कि नई उड़ान, नई सौगात।दीप जीवन के संसार में दु:ख दर्द की कालीमा को तो नाश करता ही है साथ ही जीवन में सांसो की औषधि प्रदान करता है। दीप हमें सिखाता है उम्मीद रूपी किरण की रस्सी को पकड़कर आगे बढ़ने का। वही उम्मीद ही उम्मीदों में बदल जाती है जो इंसान को विजय रथ पर चलने का निमंत्रण देती है। जो इंसान को सुख, समृद्धि और यश, कीर्ति रूपी मालाओं से स्वागत करती है। दीप प्रकृति का अद्भुत उपहार है। हमारे लिए वंदनीय, अभिनंदन है और पूजनीय है। दीप का त्योहार दीपोत्सव जन-जन की जीवन में नव उमंग का उत्साह का संचार करता है। दीपोत्सव का पर्व हमारे लिए आध्यात्मिक रूप से, ऐतिहासिक रूप से, सामाजिक रूप से, सांस्कृतिक रूप से, आर्थिक रूप से, शैक्षिक रूप से और व्यावहारिक रूप से अति महत्वपूर्ण और विशिष्ट है। हमारा तन भी मिट्टी का दीया है जिसमें सांसो के तेल में उम्मीदों की लौ को बरकरार रखना है। दीप प्रतीक है सकारात्मक ऊर्जा का,हिम्मत की ताकत का और खुशियों के अंबार का। दीपक का प्रकाश कल्याण का प्रतीक है। दीप खुद जलकर दूसरों का सदा हित चाहता है। इसीलिए वह सबका चेहता है। आज हमारे दिलों में उम्मीदों से भीगी हुई बाती को जलाए रखने की आवश्यकता है। दीप वातावरण को शुद्ध करता है। हमें गतिशील बनाकर हमें अनुकूल एवं सक्षम बनाता है। दीया हमें सिखाता है प्रेम की ज्योति से नफरत का नाश करने का। जीवन के अंधेरे में आशा की किरणों से सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने का उत्साह देता है। दीप हमें सिखलाता है असफलता में नकारात्मक को नाश कर सकारात्मक मार्गों को अपनाना का। असफलता में सफलताओं को ढूंढ लेने का हौसला देता है। दीप के लौ की ज्योति सदा उठती है ऊपर की ओर जो मानव के लिए संकेत करती है- जल करके भी ऊपर उठना न कि नष्ट होना। दीपक की कतारों का समूह जगमग करता अपनी आलोकित प्रकाश की जादू से हमारे मन भावों में आनंद का संचार करता हुआ सुख शांति का पैगाम देता है। जीवन की पगडंडियों पर एवं उतार-चढ़ाव के साथ सदा उम्मीदों के दीए जलाए रखें। क्योंकि प्रकाश प्रतीक है अंधकार पर उजाले का, अज्ञान पर ज्ञान का, असत्य पर सत्य का, विनाश पर विकास का, निराशा पर आशा का, बुराई पर सच्चाई की जीत का उत्सव है। दीपावली का अर्थ दीप+अवली से है। अर्थात्  दीपक की कतार। दीपकों की श्रृंखला से है। अमावस्या की घोर निशा को दीपमाला अपने प्रकाश पुंज से जगमग कर देती है। दिवाली पर सस्ते हैं लोग।
दिवाली पर सजाए जाते हैं घर। रंग रोगन से। दीपों को सजाया जाता है रंगोली से। पर्यावरण को शुद्ध किया जाता है घी के दीयों से।
                 दीपावली का त्योहार सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का त्योहार है। हमारे देश में हिंदू,सिख,बौद्ध, जैन और मुस्लिम सभी मनाते हैं धूमधाम से।हिंदू धर्म में भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटने की खुशी में। विष्णु का लक्ष्मी के विवाह की खुशी में। श्री कृष्ण के द्वारा नरकासुर का वध करने की खुशी में। स्वामी रामतीर्थ जन्म दिवस और मृत्यु भी दिवाली के दिन ही हुई थी।
  सिख समुदाय में सिखों के छठवें सिख गुरु हरगोबिंद साहिब को बादशाह जहांगीर ने ग्वालियर के किले में कैद कर लिया था।वहां पहले से 52 हिंदू राजाओं को भी कैद क्या हुआ था।हिंदू राजाओं ने गुरु जी का बहुत ही आदर सत्कार किया इस सम्मान से बादशाह को अच्छा नहीं लगा तब उन्हें बादशाह को रिहा कर दिया।गुरु हरगोविंद सिंह के कहने के मुताबिक जहांगीर ने 52 हिंदू राजाओं को भी कैद से मुक्त कर दिया। वह दिन दिवाली का ही था। स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास दिवाली के दिन ही हुआ था।
          जैन धर्म में अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का महापरिनिर्वाण भी इसी दिन हुआ था। इसके दूसरे दिन दीपोत्सव के रूप में महोत्सव का आयोजन किया गया। बौद्ध धर्म में  दिवाली के त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध गृह त्यागने के बाद अपनी जन्मभूमि कपिलवस्तु में आए थे और गौतम बुद्ध के स्वागत में लाखों दीप जलाए गए थे। उनका भव्य आदर- सत्कार किया गया था। यह दिन कार्तिक अमावस्या का ही था।तब से बौद्ध धर्म के अनुयाई दिवाली मनाते हैं। उन्होंने “अप्प दीपो भव” का उपदेश भी उसी समय दिया था। चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के वंशज अशोक ने कलिंग के भीषण युद्ध के बाद युद्ध का हमेशा हमेशा के लिए त्यागकर दिया था; इसी दिन किया था। मध्य काल के मुगल बादशाह भी दीपावली उत्सव में भाग लेते थे और दिवाली मनाते थे।
            इसी प्रकार दीप से दीप जलाया जाता है। मानव, मानव के दिलों को जोड़ने वाला यह दीपोत्सव जन-जन के अंतर्मन में खुशीयों का सौहार्द भरने वाला है।
— डॉ. कान्ति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773