कविता

सादगी

सादगी जीवन को जीना है
तड़क भड़क से दूर रहना है
सादा जीवन उच्च विचार
ये है भारतीयता का संस्कार

सादगी जीवन को जीना है
आधुनिकता से परहेज करना है
नहीं चाहिये पश्चिमी   बयार
ये है भारतीयता का संस्कार

सादगी जीवन को जीना है
फिजुलखर्ची से हमें बचना है
नहीं चाहिये सूट सलवार
ये है भारतीयता का संस्कार

सादगी जीवन को जीना है
भाईचारा सबसे निभाना है
पास पड़ोस परिवेश संसार
ये है भारतीयता का संसार

सादगी जीवन को जीना है
नकलची कल्चर से बचना है
हम हैं सनातनी परिवार
ये है भारतीयता का संसार

सादगी जीवन को जीना है
वेद पुरान को पढ़ना है
सीखना है पुरातन व्यवहार
ये है भारतीयता का संसार

— उदय किशोर साह

उदय किशोर साह

पत्रकार, दैनिक भास्कर जयपुर बाँका मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार मो.-9546115088