बाल कविता

बाल कविता – जंगल की होली

जंगल के राजा शेर
ने एक सभा बुलाई ।
प्रहलाद  की  भक्ति
होली की बात बताई ।।
हम सभी खेलेंगे कल
होली लेकर अंगडाई ।
पर रखना यह ध्यान
न हो झगड़े – लड़ाई ।।
द्वेषता-नफरत से ही
हमेशा मुशीबत आई ।
रहें जंगल  में  मंगल
तो करों सबकी भलाई ।।
— गोपाल कौशल

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300