समाचार

विश्व लघुकथा कोष में मिला स्थान : अर्विना गहलोत

हिंदी लघुकथाओं को बंगला भाषा में अनुवादित पुस्तक विश्व लघुकथा कोश में स्थान मिला है । इस पुस्तक में लगभग 100लोगोंकी लघुकथाएं सम्मिलित की गई इन लघुकथाकारों में देश के दिग्गज लघुकथाकारों के साथ साथ विदेशी लघुककार भी शामिल हैं लघुकथा की सुगंध  बंगाल तक फैल चुकी है विश्व हिंदी लघुकथा संग्रह हाल ही में […]

लघुकथा

तन्हाई

सृजना आफिस के लिए तैयार हो ही रही थी कि माँ ने उसे पुकारा। ‘मां जल्दी कहो क्या कहना है?’ ‘बेटा ललिता मौसी का फोन आया है। उन्हें क्या जवाब देना है?’ ‘मां आप समझती क्यों नहीं? आपसे पहले भी कई बार तो कह चुकी हूँ। मुझे अभी शादी नहीं करनी है, अभी अभी मैंने नौकरी […]

कविता

हिंदी पहचान हमारी

हिंदी भाषा हमारी है  पूरे विश्व में पहचान हमारी है सम्मान बढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी है हिंदी बोली में मिठास है अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है हिंदी गीत अंतरात्मा मे बस्ते है भजन जुबानों पर थिरकते हैं कवियों की रचनाओं में बसती है नानी की कहानी की जान है विक्रम बेताल हो शिवाजी महान हो […]

पुस्तक समीक्षा

चिंतन जीवन में बहुल्य है

हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोग हैं वे हमेशा जिंदगी की भागम भाग में  चिंता ग्रस्त रहते हैं लेकिन ऐसे में चिंतन जैसी पुस्तक हताशा से हारे हुए इंसान के अंदर  विश्वास पैदा करने का काम करने में सफल हो सकती है । मुझे चिंतन पुस्तक को पढ़ कर ऐसा लगता है मानो जैसे  […]

कविता

बसंत तुम कहाँ हो

हे बसंत तुम कहां कलियों की पुकार सुनो भ्रमर का भ्रमण हुआ तितलियों का अवतरण हुआ हे बसंत तुम कहां हो सरसों हे फूली पलाश भी फूलने को है तैयार आम्र बौर भी निकलने को बेताब हैं हे बसंत तुम कहां हो कलियों ने पट खोले फूलों ने घूंघट उठाया है बाग का माली भी […]

बाल कहानी

कहानी प्रेशर कुकर की

पुराने समय की बात है …दादी प्लीज़ ठहरों मुझे आज राजा रानी की कहानी नहीं सुननी है मुझे तो आज प्रेशर कुकर की कहानी सुननी है । समीर क्या तुम जानते हो ? तुम्हारी मम्मी  रसोई में जो प्रेशर कुकर है उसमें  तुम्हारे लिए झट-पट खाना बना देतीं हैं । ” वह किसने बनाया है […]

कविता

मन दर्पण सजा देते

काले घने बादलों से आच्छादित मेघों से घिरे आसमान से गिरती रिमझिम फुहार से धरती गोद में अंकुर के प्रस्फुटित होते ही नवजीवन की आस लिए जड़े आकार लेने लगती है तना शाखाओं को संभाले हुए डालियाँ कोमल पत्तियाँ को धारण किये एक वृक्ष बड़ा होने लगता है नई डालियों पर नई पत्तियां नव योवना […]

कहानी

खुशियां आईं द्वार 

विश्वनाथ घर में अकेले ही रहते हैं । बच्चे विदेश में अपनी ही दुनिया में मग्न  । विश्वनाथ ने घर के पिछले हिस्से में कई तरह के फलदार पेड़ लगा रखे है । विश्व नाथ सुबह सुबह  नित्य एक घंटे बगिया में काम करते हैं उनकी मेंहनत रंग लाई ,  इस बार आम का  पेड़  […]

लघुकथा

भूख 

फिल्म का सेट लगा हुआ था डायरेक्टर सामने कुर्सी पर बैठा था । साहेब आपको एक बच्चे का जरुरत था मैं लेके आया । क्या नाम‌ है इस लड़के का  नीलकंठ है साहेब ऐ लड़के काम करेगा जी साहब क्या करना हैं? एक बिगड़े रहीस के लड़के  की भूमिका करनी है । साहेब में  दो […]

लघुकथा

ज्ञान ज्योति 

अवकाश प्राप्त प्रोफेसर हूँ  लेकिन दीवाल घड़ी पर नज़र बर बस चली ही जाती है सुबह होते ही लगता कालेज  की ओर चल पड़ूं  ।  मन बैचेन हो उठता है उठ‌कर थोड़ा टहल आता हूँ । मन को बहलाने का हर संभव प्रयास कर रहा हूँ ।  लौटने पर  बहू चाय का कप देकर चली […]